Sunday, August 31, 2008

"इज्जत के नाम पर हत्या"



हरित क्रांति का छेत्र रहे करनाल जिले की धरती आज एक बार फ़िर युवा लड़के लड़की के खून से लाल हो गई।
9 मई 2008 को असंध ब्लाक के बल्ला गाव के जसबीर व् सुनीता को अपनी मर्जी से शादी करने के जुर्म में क़त्ल कर दिया गया। पिछले एक महीने में इस जिले में "इज्जत के नाम पर हत्या" की ये तीसरी घटना है।

बल्ला गाव की सुनीता के अपने ही गाव के जसबीर के साथ प्रेम सम्बन्ध थे। स्वर्ण कहलाई जाने वाली जाट जाती से दोनों सम्बंधित थे। हलाकि दोनों के गोत्र अलग अलग थे। सुनीता की मर्जी के खिलाफ उसकी शादी कर दी गई, परुन्तु वो उस रिश्ते को तोड़ आई व् जसबीर के साथ हिमांचल चली गई। बाद में पुलिस वालो के द्वारा पकड़े जाने पर सुनीता ने जिस जगह घरवालो ने शादी की थी वहां से तलाक ले लिया व् जसबीर के साथ रहने लगी। पिछले डेढ़ साल से दोनों एक साथ हिमांचल में रह रहे थे। दोनों का अपने परिवार से भी लगातार संपर्क था। एक तरह से दोनों के परिवार ने भी यह सम्बन्ध स्वीकार कर लिया था। परुन्तु यह समाज के उन ठेकेदारों को स्वीकार नही था, जो एस तरह की घटनाओ को परम्पराओं व् तथाकथित भाई चारे पर चोट समझते है. इसलिए इस तथाकथित जोड़े को क़त्ल करना जरूरी समझा, ताकि फ़िर कोई इस तरह का सहस न कर सके। वारदात से पहले दिन यह जोड़ा अपनी बहन की ससुराल में आकर ठहरा था, जिसकी भनक इन ठेकेदारों को लग गई। अगले दिन, दिन निकलने से पहले 30-35 लोगो ने इस युवा जोड़े को अगवा कर क़त्ल कर दिया। दोनों को क़त्ल कर दिन के दस बजे लड़की के घर के बाहर फेक दिया। सुनीता के गर्भ में सात माह का बच्चा पल रहा था, वो भी इन क्रूर हत्यारों के हत्थे चढ़ गया।
जिस गाव में यह घटना घटी उसमे किसी बाहरी व्यक्ति को, इन घटनाओ के सिकार परिवार वालो से मिलने नही दिया जा रहा था।
अगर घर-परिवार और प्रशासन इस दिशा में सक्रिय भूमिका दिखाए तो एस तरह की घटनाओ पर काबू पाया जा सकता है।इस तरह के युवा जोडो के लिए युगल सुरक्षा घर भी हर जिले में बनाया जन चाहिए। क्यूंकि प्यार एक बहुत खूबसूरत इबादा है। इसे तबाह होने से बचाना होगा