Friday, June 12, 2009

माफ करना।


देखकर हुस्न तेरा
ग़र हो जाऊं शायर-दीवाना
तो
माफ करना।
बंधके खिंचा चला आऊं तेरे सदके पे बार-बार
तो
माफ करना।
हो जाए ग़र इश्क तुझे हौले-हौले मुझसे
तो
माफ करना।
उड़ जाए नींद रातों की तेरी ग़र मुझसे
तो
माफ करना।
बेचैन है ये दिल-ए-नादां ग़र थाम लो लगाम
तो अच्छा,
ख़ता हो जाए वरना
तो
माफ करना।