Wednesday, June 17, 2009

दिल की बात


जब भी लिखना
जी भर के लिखना
जुबान की नहीं,

बस
दिल की बात लिखना।


हमने देखा है,
दिल की बात,
जब दिमाग से होकर,
जुबान पर आती है,

तो
बात बिल्कुल बदल जाती है


यह अलग बात है,
जमाने को वही बात पसंद आती है

1 comment:

Vichaar Manch said...

bahut umda likha hai...
likhte rahiye