एक बात कहूँ गर तुम सुनते हो। तुम मुझ को अच्छे लगते हो ।
कुछ चंचल से.......
कुछ चुप -चुप से.......
कुछ पागल- पागल लगते हो।
एक बात कहूँ गर तुम सुनते हो। तुम मुझ को अच्छे लगते हो ।
हैं चाहने वाले और बुहत......
फीर तुम में है एक बात अलग......
तुम अपने-अपने लगते हो ।
एक बात कहूँ गर तुम सुनते हो। तुम मुझ को अच्छे लगते हो ।
ये बात-बात पर खोजाना.....
कुछ कहते-कहते रुक जाना......
क्या बात है हम से कह डालो , ये किस उलझन में रहते हो।
एक बात कहूँ गर तुम सुनते हो। तुम मुझ को अच्छे लगते हो।
8 comments:
vary good
bahut khoob kya dil ko lubhati baat kah di yaar....
sir for whom did u written this one.
Sir Bahut bahut bahut accha likha hai..
Maza aa gya sir
Good--but I expect even better from you! I have high standards!
Good--but I expect better from you
Shrin Abbas said maza aa gya
prem me standard nhi dekha jata mam
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